हाल ही में हुए 5 राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव पैदा कर दिया है | पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति नगण्य रही वहीँ केरल में वह सत्ता में वापिसी नहीं कर पाई जबकि केरल का इतिहास एक बार कांग्रेस दूसरी बार वाम सरकार था | कांग्रेस को केरल में आस इसलिए भी थी क्योंकि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केरल के वायनाड से सांसद है और उन्होंने यहाँ मेहनत भी की थी |
यही हाल पोंडिचेरी में भी देखने को मिला | चुनाव से पहले पोंडिचेरी में कांग्रेस सत्ता में थी लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने उससे कुर्सी छीन ली और अब अगले 5 सालों के लिए उसे वनवास पर भेज दिया है |
असम में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है | वहां भी भाजपा ने मजबूती के साथ वापिसी की है | केवल तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन के कारण सत्ता के इर्दगिर्द घूम सकती है |
अब कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीती क्षेत्रीय दलों की बैसाखी पर चलती दिख रही है |
कांग्रेस में असंतोष नेताओं की भी कमी नहीं है | वह लम्बे समय से कांग्रेस में परिवर्तन की मांग करते आये हैं | इन सब स्थिति को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस के G-23 नेता फिर से सक्रीय हो सकते हैं | इससे कांग्रेसी के पुराने दिग्गजों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है |
डॉ. कन्हैया झा
Dr. Kanhaiya Jha
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