देश कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है | पहली लहर से पीछा छुटा ही था कि दूसरी लहर ने आम जनमानस के जीवन को तहस नहस कर दिया | सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सुनवाई में केंद्र तथा राज्य सरकारों को तीसरी लहर के बारे में चेताया है | सुप्रीम कोर्ट ने तो यहाँ तक कहा है कि सरकारें यह बताएं कि तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए उसका क्या प्लान है |
जब से कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी है तब से सुप्रीम कोर्ट भी जनता की परेशानी के लिए परेशान दिख रहा है | सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आवश्यक दवाई तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए हैं| ताकि जब तीसरी लहर आती है तो लोगों में इन सब चीजों के लिए आपाधापी का माहौल न बनें |
बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर पहली दो लहरों से भी भयानक होने वाली है | इसलिए अब और भी सावधानी बरतने की जरूरत है | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा विभिन्न विभागों के प्रमुखों से लगातार बैठक करके स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं | अपने संबोधन में उन्होंने कहा भी था कि देश में लॉकडाउन लगाना अंतिम विकल्प के तौर पर ही होगा | लेकिन जिस तरह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाओं की मांग बढ़ रही है उससे यही लगता है कि जनता अभी भी कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही है |
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