तकनीकी के क्षेत्र में भारत को और सुदृढ़ होना होगा

भारत में तकनीकी का तेजी से विकास हुआ है | जिओ के आने के बाद से एक बहूत बड़ी आबादी इन्टरनेट से जुड़कर कार्य कर रही है | देश में बढ़ते फ़ास्ट इन्टरनेट के कारण से आज गांवों तक सरकार की नीतियों को पहुँचाना तथा बैंक के लेनदेन को आसानी से किया जा सकता है | आज के समय में व्हात्सप्प, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम तथा इन्स्टाग्राम जेसे एप्लीकेशन सभी स्मार्टफोन में रहते हैं और यूजर इनका खूब उपयोग कर रहे हैं | 

हाल ही में विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय और सोशल मीडिया के बीच का विवाद हम सबके सामने हैं | सरकार ने स्पष्ट रूप से इन कंपनियों को कहा है कि यदि भारत में व्यापार करना है तो भारत के नियमों को मानना होगा तथा यदि इन नियमों को नहीं माना जाता है तो अपना बोरिया बिस्तर समेत करके जा सकते हैं | हालाँकि सभी ने सरकार के नियमों को मानने की बात कही है केवल ट्वीटर का व्यवहार अड़ियल रहा है | हालाँकि मोदी जी अड़ियल लोगों तथा संस्थानों को जिस प्रकार से सम्हालते हैं उसे पहले भी दुनिया ने देखा है | आशा करते हैं जल्दी ही ट्वीटर इंडिया लाइन पर आ जायेगा | भारत सरकार निजता के अधिकारों की पक्षधर है तथा सोशल मीडिया के द्वारा किसी से ठगी न हो इसके लिए कृतसंकल्पित भी है | 

ग्राहकों का व्यक्तिगत डाटा सुरक्षित रहे यह कंपनी की जिम्मेदारी है और इसे लागू कराने का कार्य सरकार कर भी रही है | इसी बीच यह भी खबर आई कि इंडियन एयरलाइन से 45 लाख ग्राहकों के डाटा हेक कर लिए गए | इनमें लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां थी | इन जानकारियों का उपयोग बहुत से कम्पनियाँ तथा राजनैतिक दल अपने हितों के लिए करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह डाटा बैचे जाते हैं | इसी प्रकार पिजा बेचने वाली कंपनी डोमिनोज के 18 करोड लोगों के डाटा हेक कर लिए गए है |

हेकारों द्वारा लगातार इस प्रकार के कृत्य किये जा रहे हैं| जिससे लोगों के मन में साइबर अपराध के प्रति आशंका को और बढ़ावा मिल रहा है | शहरों में तो डिजिटल क्रांति के बाद अब लोग अपनी छोटी से छोटी चीजों की खरीदारी भी ऑनलाइन ही कर रहे हैं | लेकिन यदि इस प्रकार से लगातार डाटा चोरी की घटना लगातार बढती रही तो लोगों के मन में यह आशंका और बढती चली जाएगी | 

भारत में जैसे जैसे डिजिटल क्रांति का विस्तार हुआ है वैसे वैसे साइबर हमलों में भी विस्तार देखने को मिला है | नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2015 में साइबर क्राइम के 11,592 मामले दर्ज किये गए जब्दी 2017 में यह बढ़कर 21,796 हो गई | केवल इन दो वर्षों में 88 फीसदी की यह बढ़ोत्तरी इसकी गंभीरता को प्रदर्शित करती है | इसी प्रकार देश में नित नए साइबर अपराध बढ़ रहे हैं | साइबर अपराध में लगातार अपराध लोगों के लिए समस्या बनती जा रही है | बुजुर्ग एवं महिलाओं के लिए तो यह और भी विकृत रूप ले लेती है | देश भर में ऐसे कई केस देखने को मिले हैं जहाँ फर्जी कॉल के माध्यम से बुजुर्गों के बैंकों से लोगों ने पैसे निकल लिए है | क्लोन बनाकर लोगों के क्रेडिट कार्ड को लुट लिया हो | कहने का अर्थ है की बढ़ते साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है | 

मौजूदा समय में जो कानून है उसमें सूचना एवं तकनीकी अधिनियम 2020 के तहत इन अपराधों पर नज़र रखी जाती है |  इस अधिनियम की धारा 77ए कहती है कि अपराधी को अधिकतम केवल 3 वर्ष की सजा दी जा सकती है | अभी भी इन अपराधों को गैरजमानती नहीं रखा गया है | इससे अपराधी अपराध करके जमानत पर बाहर आ जाते हैं और अपने काले धंधे को अंजाम देने लग जाते हैं | निश्चित भारत को साइबर हमले के कानून को और भी सख्त रखने की जरूरत है | 

आज भारत समेत दुनिया के सामने साइबर हमले किसी युद्ध के समान ही हैं | आने वाला युद्ध देशों के बीच में धरती पर नहीं लड़ा जायेगा आने वाला युद्ध इन्टरनेट के माध्यम से एक दूसरे की अर्थव्यवस्था को जोट पहुंचाकर होगा | आने वाला युद्ध में वह सभी कुछ होगा जिससे एक दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था पर कुठाराघात किया जा सके | इसीलिए समय रहते हुए भारत के साइबर अपराध को और मजबूत करने की जरूरत है | जरूरत इस बात कि है लोग आराम से सो सके कि वह सुरक्षित है | यह सुरक्षा की गारंटी देना सरकार का कर्त्तव्य है | 

डॉ. कन्हैया झा 

Dr. Kanhaiya Jha


वैश्विक स्तर पर भारत विरोधी अभियान

ये सच है कि भारत वर्तमान समय में कोरोना की चुनौतियों का सामना कर रहा है | केंद्र एवं राज्यों की सरकारें अपने अपने स्तर पर जनता को अधिक से अधिक सुविधा देने का लगातार प्रयास कर रही है | आपसी राजनैतिक रस्साकस्सी को छोड़ दें तो समाज के सभी वर्गों ने इस भीषण संकट में एक दूसरे की सहायता करने का काम किया है | 

जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है तब से अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी असहज महसूस कर रहा है उससे भी ज्यादा असहजता यूरोपीय मीडिया को हो रही है | इन मीडिया समूहों द्वारा भारत को बदनाम करने के लिए वह सभी सच झूठ कहा और लिखा जाता है जिससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि धूमिल हो | अभी पिछले कुछ दिनों पहले ही ‘न्यूयार्क टाइम्स’ द्वारा झूठी खबर छापी गई कि भारत में मौतों के आंकड़ों को छुपाया जा रहा है | हालाँकि भारत सरकार ने तुरंत इस खबर का खंडन किया तथा कहा कि यह केवल कल्पनालोक का समाचार है | प्रश्न यह उठता है आखिर क्यों इस प्रकार के निराधार ख़बरों को अंतरराष्ट्रीय मंचों द्वारा उठाया जाता है | जबकि सभी को पता है कोरोना की पहली लहर के साथ ही भारत सरकार द्वारा आरोग्य सेतु एप्प के माध्यम से सभी लोगों का डाटा एक जगह रखा जाता है | 

जब कोरोना की पहली लहर आई तब भारत ने दुनिया के अन्य देशों से अच्छा प्रबंध किया था | सभी राशनधारकों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करवाएं | कोविड को कण्ट्रोल करने के लिए नए नए अस्पतालों का निर्माण करवाया करवाया गया | दूसरी लहर में भी लोगों को राशन दिए गए, जहाँ जहाँ ऑक्सीजन की कमी होती सरकार तेज गति से ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सदा तत्पर रहती | हमने रेलवे को पूरे देश में ऑक्सीजन की सप्लाई करते देखा है | हमने देखा कि किस प्रकार प्रधानमंत्री द्वारा दिन रात एक करके लोगों की जाने बचाने के लिए नए नए कदम उठाये गए | 

सरकार के अलावा लोगों द्वारा जो सहयोग रहा है वह अद्वितीय रहा है | देश के हजारों सामाजिक संगठनों तथा गुरुद्वारों ने जितनी संवेदनशीलता के साथ आम लोगों की सहायता की वह विश्व के सामने अद्वितीय उदहारण है | इन विदेशी समाचार पत्रों की नज़रें इन समाचारों पर भी जानी चाहिए थी लेकिन यह सब उनके एजेंडे में फिट नहीं बैठता है | यह सब दिखाने से भारत की छवि धूमिल नहीं हो पायेगी | 

यह सच है कि अचानक से दूसरी लहर में लोगों को दिक्कत परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार और समाज की सक्रियता लोगों के लिए मिसाल पेश करके गई है | 

ये कुछ मौके होते हैं जब देश के सभी लोगों को अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय देना चाहिए | व्यवस्था है तो उसमें सदैव कुछ न कुछ खामिया रहेंगी ही लेकिन उन खामियों को यदि समय रहते हुए दूर किया जाता है तो इसके लिए अनावश्यक रूप से देश की छवि को न तो ख़राब करना चाहिए और न ही किसी को इसकी अनुमति देनी चाहिए | 

वास्तव में जब से नरेन्द्र मोदी ने सत्ता को सम्हाला है तब से कुछ खास लोगों का वर्ग जो आज तक भारत को अपने अपने हितों के लिए उपयोग करते रहे हैं बहूत से परेशानियों का सामना कर रहे है | लेकिन यह भी सुखद संयोग है कि नरेन्द्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता एवं प्रबंधन के आधार पर इन चुनौतियों को जानते हैं, समझते हैं और इसका सामना करने की पहले से नीति तथा रणनीति का निर्माण करके रखते हैं | 

संभवतः भारत के इतिहास में यह पहली सरकार होगी जो षड्यंत्रों को पहले से समझकर कार्य करती है | फिर यह षड़यंत्र अंतरराष्ट्रीय हो या अंतर्देशीय हो | भारत के अन्दर ही आज भी एक बहूत बड़ा वर्ग ऐसा है तो इस बात को स्वीकार नहीं कर पाया है कि मोदी जी भारत राष्ट्र के प्रधानमंत्री हैं जिन्हें देश की जनता ने एक बार नहीं बल्कि 2 बार भारी मतों के साथ विजयी बनाया है | यह हलचल इस बात की भी हो सकती है कि आखिर वर्तमान प्रधानमंत्री तथा सरकार को किस प्रकार पहले से ही पता चल जाता है कि दुश्मन किस प्रकार की व्यूह रचना बना रहा है और मोदी जी उस व्यूह रचना से बाहर निकलने के उपाय पहले से ही खोज के रखते हैं | 

डॉ. कन्हैया झा 

Dr. Kanhaiya Jha