कोरोना की वेक्सिन आने के साथ ही कुछ लोगों ने इसको लेकर भ्रम फैलाना शुरू का दिया था | जब दुनिया समेत भारत स्वयं इस महत्रसदी को झेल रहा है ऐसे समय में इस प्रकार के भ्रम को फ़ैलाने वालों को सोचना चाहिए कि वह किस प्रकार के कृत्य कर रहे हैं |
आज के समय में यदि इस महामारी से बचना है तो केवल वेक्सिन ही अंतिम उपाय है | भारत उन देशों में शामिल है जिन्होंने समय रहते रात दिन करके स्वदेशी वेक्सिन विकसित की | वर्तमान में भारत में को-वेक्सिन तथा कोविडशील्ड 2 वेक्सिन उपलब्ध है |
भारत में हुए शोध बताते हैं कि जिन लोगों ने यह वेक्सिन लगवाई है उनमें संक्रमित होने तथा कोरोना के कारण मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है | यदि हम दिल्ली के सफदरजं अस्पताल के डॉ जुगल किशोर की बात पर विश्वास करे तो वह कहते हैं “ये रोग रोधी टीके हैं और टीकाकरण शुरू होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 85 प्रतिशत की कमी आई है | ये टीके अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों के आधार पर बनाये गए हैं | कोविड-19 टीके गंभीर संक्रमण और बीमारी के कारण होने वाले मौत के खतरे को कम करता है“ | जब स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर इस प्रकार की बातें करते हैं तो स्वाभाविक है जनता को इनकी ही बात सुननी चाहिए और जल्दी से जल्दी कोरोना के टीके को लगवाना चाहिए |
हाल ही में ICMR ने एक शोध किया उस शोध में पाया गया कि कोवेक्सिन टीका लगाने वालों में 10 हजार में से केवल 4 लोग ही संक्रमित पाए गए जबकि सीरम इंस्टिट्यूट के कोविडशील्ड लगाने वाले 10 हजार में से केवल 3 लोग ही संक्रमित पाए गए हैं | इन सब बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत के चिकित्सा विशेषज्ञों ने दिनरात मेहनत करके जो वेक्सिन तैयार की है वह एकदम सुरक्षित और आवश्यक है | जल्दी से जल्दी सभी लोगों को इसको लगवाना चाहिए और देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने में सहायता दिलानी चाहिए |
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