महाराष्ट्र के नासिक में हॉस्पिटल के अन्दर आक्सीजन के रुकने से 22 लोगों की जान चली गई | सभी मरीज जाकिर हुसैन अस्पताल में भर्ती थे | जब अस्पताल में यह सप्लाई रोकी गई तब सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे | इन 22 लोगों का गुनाह केवल इतना था कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर विश्वास किया और सोचा कि यहाँ उन्हें जीवन मिलेगा | सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जाँच के आदेश तो दे दिए लेकिन जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया है उनकी जान को वापस कौन देगा |
केवल महाराष्ट्र ही नहीं देश के सभी राज्यों में आक्सीजन की किल्लत चल रही है | जनता चारो तरफ कराह रही है | कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है |
आखिर किसके निकम्मेपन के कारण इन 22 लोगों को जान गवानी पड़ी है, इसका हिसाब कौन देगा?
बताया जाता है की पूरे 30 मिनट तक आक्सीजन की सप्लाई रोक दी गई | अभी भी 35 लोगों की हालत नाज़ुक बताई जा रही है |
केवल महाराष्ट्र ही नहीं देश के सभी राज्यों में आक्सीजन की किल्लत चल रही है | जनता चारो तरफ कराह रही है | कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है |
आखिर किसके निकम्मेपन के कारण इन 22 लोगों को जान गवानी पड़ी है, इसका हिसाब कौन देगा?
बताया जाता है की पूरे 30 मिनट तक आक्सीजन की सप्लाई रोक दी गई | अभी भी 35 लोगों की हालत नाज़ुक बताई जा रही है |
Dr. Kanhaiya Jha
(डॉ. कन्हैया झा)
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