वैश्विक स्तर पर भारत विरोधी अभियान

ये सच है कि भारत वर्तमान समय में कोरोना की चुनौतियों का सामना कर रहा है | केंद्र एवं राज्यों की सरकारें अपने अपने स्तर पर जनता को अधिक से अधिक सुविधा देने का लगातार प्रयास कर रही है | आपसी राजनैतिक रस्साकस्सी को छोड़ दें तो समाज के सभी वर्गों ने इस भीषण संकट में एक दूसरे की सहायता करने का काम किया है | 

जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है तब से अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी असहज महसूस कर रहा है उससे भी ज्यादा असहजता यूरोपीय मीडिया को हो रही है | इन मीडिया समूहों द्वारा भारत को बदनाम करने के लिए वह सभी सच झूठ कहा और लिखा जाता है जिससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि धूमिल हो | अभी पिछले कुछ दिनों पहले ही ‘न्यूयार्क टाइम्स’ द्वारा झूठी खबर छापी गई कि भारत में मौतों के आंकड़ों को छुपाया जा रहा है | हालाँकि भारत सरकार ने तुरंत इस खबर का खंडन किया तथा कहा कि यह केवल कल्पनालोक का समाचार है | प्रश्न यह उठता है आखिर क्यों इस प्रकार के निराधार ख़बरों को अंतरराष्ट्रीय मंचों द्वारा उठाया जाता है | जबकि सभी को पता है कोरोना की पहली लहर के साथ ही भारत सरकार द्वारा आरोग्य सेतु एप्प के माध्यम से सभी लोगों का डाटा एक जगह रखा जाता है | 

जब कोरोना की पहली लहर आई तब भारत ने दुनिया के अन्य देशों से अच्छा प्रबंध किया था | सभी राशनधारकों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करवाएं | कोविड को कण्ट्रोल करने के लिए नए नए अस्पतालों का निर्माण करवाया करवाया गया | दूसरी लहर में भी लोगों को राशन दिए गए, जहाँ जहाँ ऑक्सीजन की कमी होती सरकार तेज गति से ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सदा तत्पर रहती | हमने रेलवे को पूरे देश में ऑक्सीजन की सप्लाई करते देखा है | हमने देखा कि किस प्रकार प्रधानमंत्री द्वारा दिन रात एक करके लोगों की जाने बचाने के लिए नए नए कदम उठाये गए | 

सरकार के अलावा लोगों द्वारा जो सहयोग रहा है वह अद्वितीय रहा है | देश के हजारों सामाजिक संगठनों तथा गुरुद्वारों ने जितनी संवेदनशीलता के साथ आम लोगों की सहायता की वह विश्व के सामने अद्वितीय उदहारण है | इन विदेशी समाचार पत्रों की नज़रें इन समाचारों पर भी जानी चाहिए थी लेकिन यह सब उनके एजेंडे में फिट नहीं बैठता है | यह सब दिखाने से भारत की छवि धूमिल नहीं हो पायेगी | 

यह सच है कि अचानक से दूसरी लहर में लोगों को दिक्कत परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार और समाज की सक्रियता लोगों के लिए मिसाल पेश करके गई है | 

ये कुछ मौके होते हैं जब देश के सभी लोगों को अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय देना चाहिए | व्यवस्था है तो उसमें सदैव कुछ न कुछ खामिया रहेंगी ही लेकिन उन खामियों को यदि समय रहते हुए दूर किया जाता है तो इसके लिए अनावश्यक रूप से देश की छवि को न तो ख़राब करना चाहिए और न ही किसी को इसकी अनुमति देनी चाहिए | 

वास्तव में जब से नरेन्द्र मोदी ने सत्ता को सम्हाला है तब से कुछ खास लोगों का वर्ग जो आज तक भारत को अपने अपने हितों के लिए उपयोग करते रहे हैं बहूत से परेशानियों का सामना कर रहे है | लेकिन यह भी सुखद संयोग है कि नरेन्द्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता एवं प्रबंधन के आधार पर इन चुनौतियों को जानते हैं, समझते हैं और इसका सामना करने की पहले से नीति तथा रणनीति का निर्माण करके रखते हैं | 

संभवतः भारत के इतिहास में यह पहली सरकार होगी जो षड्यंत्रों को पहले से समझकर कार्य करती है | फिर यह षड़यंत्र अंतरराष्ट्रीय हो या अंतर्देशीय हो | भारत के अन्दर ही आज भी एक बहूत बड़ा वर्ग ऐसा है तो इस बात को स्वीकार नहीं कर पाया है कि मोदी जी भारत राष्ट्र के प्रधानमंत्री हैं जिन्हें देश की जनता ने एक बार नहीं बल्कि 2 बार भारी मतों के साथ विजयी बनाया है | यह हलचल इस बात की भी हो सकती है कि आखिर वर्तमान प्रधानमंत्री तथा सरकार को किस प्रकार पहले से ही पता चल जाता है कि दुश्मन किस प्रकार की व्यूह रचना बना रहा है और मोदी जी उस व्यूह रचना से बाहर निकलने के उपाय पहले से ही खोज के रखते हैं | 

डॉ. कन्हैया झा 

Dr. Kanhaiya Jha 


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