चक्रवात यास बुधवार शाम तक भारतीय तटों पर जब टकराएगा तो भरी तबाही मचाने वाला है | इससे बचने के लिए सरकार के द्वारा व्यापक इंतजाम किये जा रहे हैं | चक्रवात से अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके इसके लिए सभी क्षेत्रों को 2 श्रेणियों में बांटा गया है | पहला तीव्र जोखिम वाले क्षेत्र तथा दूसरा कम जोखिम वाले क्षेत्र | तीव्र जोखिम वाले क्षेत्रों में शासन और प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है जिससे कम से कम नुकसान हो और लोगों को जल्दी जल्दी इस नुकसान की भरपाई करवाई जा सके |
इस प्रकार के तूफानों में 2 कामों को बड़ी तेज गति से करना होता है पहला चक्रवात में फंसे लोगों को जल्दी से जल्दी बाहर निकलना तथा उनकी व्यवस्था करना तथा जल्दी से जल्दी क्षेत्र में बिजली की सप्लाई को करवाना | क्योंकि जब तूफान आता हैं तो सबकुछ नष्ट करके जाता है | बिना बिजली के रहत कार्यों में भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
बचाव कार्यों में जो लोग जाते हैं उनका सम्बन्ध अन्य राज्यों से होता है | ऐसी परिस्थिति में उनसे संवाद उनकी निजी भाषा में हो सके यह जरूरी है | इसीलिए इस प्रकार के बचाव कार्यों में स्थानीय भाषा में सूचना सभी तक पहुंचे यह आवश्यक हो जाता है | इसके लिए स्थानीय प्रशासन तथा लोगों की सहायता लेनी चाहिए |
मौसम विभाग द्वारा जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार 26 मई को 155 से 165 किलीमीटर की रफ़्तार से 185 किलोमीटर तक चक्रवात तूफान आएगा | इसके आसपास के राज्यों में भरी आंधी तूफान तथा वर्षा का अनुमान लगाया जा रहा है | इस तूफान में बंगाल तथा उड़ीसा को सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है |
हालाँकि मुस्तैद प्रशासन सभी प्रकार की समस्या को सम्हालने के लिए खड़ा है | राज्यों के अधिकारी केंद्र तथा स्थानीय प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं | दिल्ली से गृहमंत्रालय ने भी इस तूफान पर अपनी कड़ी नज़र बना रखी है | आपदा मोचन बल की 46 टीमें राहत कार्यों के लिए पहले से पहुँच चुकी है | तटों पर हेलीकोप्टरों की तैनाती की जा चुकी है | वायुसेना भी मुस्तैदी के साथ बचाव कार्य करने के लिए खड़ा है | वायुसेना पश्चिमी तट पर 7 पोतों की तैनाती की गई है | बिजली विभाग मुस्तैद है | पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्राकृतिक गेस में लगी कंपनियों को कहा है कि वह अपनी नौकाओं सुरक्षित बंदरगाहों पर ले आयें | जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे | इस प्रकार के सुरक्षा इंतजाम से निश्चित ही आने वाले तूफान से कम से कम नुकसान के साथ जान माल को सुरक्षित बचाया जा सकेगा |
डॉ. कन्हैया झा
Dr. Kanhaiya Jha
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