अभूतपूर्व संकट में बढ़ता सामाजिक सौहार्द

भारत के प्रत्येक नागरिक को गरिमापूर्वक देश में रहने की स्वतंत्रता है | हमारी चुनी हुई सरकार का प्रमुख कार्य लोककल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है | अर्थात सरकार द्वारा ऐसे काम किये जायेंगे जिससे लोगों का कल्याण हो | कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी हमने देखा कि किस प्रकार से सरकार ने बड़ी तत्परता से देश तथा विदेश से संसाधनों को इकठ्ठा करके लोगों के लिए उपलब्ध करवाए | जहाँ जहाँ अस्पताल कम पड़ रहे थे वहां पर नए अस्पताल बनाये गए | पीएम केयर फण्ड के मध्यम से वेंटिलेटरों को पूरे देश में स्थापित किये गए | अचानक बढ़ी ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेन का संचालन किया गया | देश के सभी राशंधारियों को मुफ्त में राशन उपलब्ध कराये गए | ऐसे अनेक कार्य सरकार द्वारा ऐसी विषम परिस्थिति में जनता के कल्याण के लिए किये गए | 

कल्पना कीजिये की देश में किसी भी प्रकार की सरकार न होती तो आज का यह समय कितना भयावह होता | चारो तरफ लुफ खसोट मच चुकी होती | जिसको जहाँ मौका मिलता वह वहीँ लूटना शुरू कर देता | ऐसे विकट काल में ही सरकार की उपयोगिता हम सभी को महसूस होती है | 

सरकार के साथ साथ सामाजिक संगठनों ने इस महामारी से लड़ने के लिए जिस प्रकार की तत्परता दिखाई है वह निसंदेह ही प्रशंसा के लायक है | क्या मंदिर और क्या गुरूद्वारे सभी  ने अपनी क्षमता के आधार पर आमजनों की सेवा करने के लिए दिन रात एक कर दिया | जहाँ पर कोई भी व्यवस्था नहीं थी वहां पर सामुदायिक स्तर पर लोगों ने आपस में संसाधन इकठ्ठा करके एक दूसरों की सहायता की | यह सब भारतीयता को दर्शाता है | जब जब भारत पर कोई बड़ा संकट आता है तो किस प्रकार इस देश के लोग अपने देश तथा देशवासियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं | 

प्रारंभ में कोरोना की बीमारी शहरों में अधिक थी | धीरे धीरे यह गावों की तरफ भी बढती गई | कुछ गाँव वालों ने तो आपसी सहमती के आधार पर बाहरी लोगों पर प्रतिबन्ध लगाकर अपने अपने गावों की सुरक्षा की | ऐसे अनेक प्रयोग पूरे देश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए किये गए | 

इसी प्रकार जिन परिवारों में कोई एक कमाने वाला था और वह अब नहीं रहा ऐसे परिवार की चिंता आपसी सहयोग के आधार पर भी की गई | आपस में दोस्तों ने पैसा इकठ्ठा करके एक दूसरे को सहयोग किया | 

इस महामारी के कारन बहुत से लोगों के सपने पूरे करने में समस्या जरूर आ रही है | लेकिन मजबूत इरादे और हौंसलों के कारण लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैकल्पिक मार्ग की तलाश कर रहे हैं | जहाँ पर पैसे से की कमी पड़ रही है वहां पर लोग कुछ ऐसे छोटे व्यवसाय शुरू कर रहे हैं जिसे आपातकालीन सेवा की सूची में रखा गया हो | जिससे उनके परिवार का भरण पोषण भी चलता रहे और अपने लक्ष्य के लिए संसाधन भी एकत्रित होते रहें | 

ऐसे एक नहीं अनेक उदहारण प्रतिदिन हम सबके सामने आते हैं जो यह बताते हैं कि भारत एक देश संवेदनशील राष्ट्र है |

डॉ. कन्हैया झा 

Dr. Kanhaiya Jha


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