यह संकट काल है, किसी भी राजनैतिक दल के लिए यह यह राजनीति करने का अवसर नहीं होना चाहिए | यदि समाज सुरक्षित रहेगा तो राजनीति होती रहेगी और राजनेता बनते रहेंगे | यह सच है कि कोरोना के कारण हम सब यह जान गए कि भारत की चिकित्सा व्यवस्था अभी उतनी तंदरुस्त नहीं हुई है जितनी समय की मांग है | रही सही कसर राजनैतिक तूतू मैंमैं ने पूरी कर दी है | पहले लॉकडाउन के कारण हम कोरोना की लहर से बचने में कामयाब हो गए लेकिन सरकार तथा जनता को इस बात का इल्म ही नहीं था कि दूसरी लहर इतनी भयावह होगी | संभवतः देश की सबसे बड़ी संस्था नीति आयोग भी इसका अनुमान नहीं कर पाया था कि कोरोना की दूसरी लहर से देश का इतना बड़ा नुकसान हो सकता है | नीति आयोग को समय रहते हुए सरकार को चेताना चाहिए था और आवश्यक कदम उठाने के लिए कहना चाहिए था | यदि नीति आयोग ने ऐसा किया होता तो आज की स्थिति कुछ भिन्न होती |
आज जब हम इस भयावह त्रासदी को झेल रहे हैं तब भारत सरकार विश्व की अन्य कंपनियों के साथ करार करने की बात कर रही है | माडरेना, जॉनसन एंड जॉनसन तथा फाईजर कम्पनियाँ कोरोना की वैक्सीन को बनाने का काम करती है | भारत सरकार ने तो यहाँ तक कहा है कि वह भारत में अपने उत्पादन यूनिट भी लगा सकते हैं | देश के बच्चे को बचाने के लिए आज वैक्सीन की जरूरत है | आज दुनिया इस बात को समझ चुकी है कि यदि मानव जाती को बचाना है तो सभी लोगों का टीकाकरण आवश्यक है |
प्रारंभ में वैक्सीन को लेकर हमारे देश के राजनेताओं का जिस तरह का वर्ताव रहा है वह बहुत ही निंदनीय रहा है | इनकी बातों से एक नकारात्मक माहौल भी बना | अब इन्हें सम्हल कर बोलना चाहिए | इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना बयान से आपको तात्कालिक राजनैतिक लाभ तो मिल जाता है लेकिन देश में बहुत विशाल संकट खड़ा हो जाता है |
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