विश्व के देशों के सभी देशों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं संवाद की शुरुआत भारत द्वारा सन 2016 में रायसीना संवाद के माध्यम से शुरू किया गया | इस कार्यक्रम के माध्यम से भविष्य में देशों के मध्य बेहतर समन्वय एवं सहयोग के वातावरण का निर्माण करना है | इसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय एवं Observer Research Foundation द्वारा किया प्रत्येक वर्ष किया जाता है | आज से रायसीना संवाद का 6वां सम्मलेन शुरू होगा| रायसीना संवाद के लिए सरकार की तरफ से सभी प्रकार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कोंफ्रेस के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी | इस कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सषन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे | ऑस्ट्रेंलिया के प्रधानमंत्री स्कॉनट मॉरीसन भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे | यह कार्यक्रम 4 दिनों तक चलेगा | सभी प्रतिभागी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे |
इस आयोजन की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी | तब से लेकर इस वर्ष तक लगातार यह सम्मलेन चल रहा है | इस सम्मलेन का उद्देश्य भू-राजनीति तथा भू-अर्थशास्त्र पर केन्द्रित रहता है | भू-राजनीति भाग में बहुपक्षवाद, आपूर्ति श्रृंखला, जलवायु परिवर्तन, सूचना महामारी आदि विषयों पर प्रतिभागी चिंतन करने वाले हैं | इस वर्ष कुल 50 सत्रों का आयोजन किया गया है | कार्यक्रम की विशालता इसी से समझी जा सकती है कि इस कार्यक्रम में 50 देशों से 150 वक्ताओं को संबोधन का अवसर प्राप्त होने वाला है | 80 देशों से 2 हजार प्रतिभागी कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले हैं | इसके अलावा सोशल मीडिया से जुड़ने वालों की संख्या अलग है | विभिन्न देशों जैसे पुर्तगाल, स्लोतवेनिया, रोमेनिया, सिंगापुर, नाइजीरिया, जापान, इटली, स्वीतडन, केनिया, चिली, मॉलदीिव, ईरान, कतर और भूटान के विदेश मंत्री कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं |
डॉ. कन्हैया झा
Dr. Kanhaiya Jha
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