दृष्टि चक्र डॉ. कन्हैया झा के साथ

देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण जो तबाही मची थी उसमें धीरे धीरे सुधार हो रहा है | सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना के केस में अब कमी दर्ज की जा रही है | किन्तु कुछ राज्य अभी भी ऐसे हैं जहाँ अभी और कड़ाई की जरूरत है, इन राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं | सरकार ने जो आंकड़े देश के सामने रखे हैं उसके अनुसार अभी 37 लाख 45 हजार से अधिक रोगियों का इलाज चल चल रहा है | देश के लिए एक और राहत की खबर है कि अब देश में स्वास्थ्य होने की दर 82 प्रतिशत हो गई है | यदि हम कुल ठीक होने वाले रोगियों की बात करें तो उनकी संख्या 1 करोड़ 86 लाख से अधिक है | 

कोरोना महामारी से बचने के लिए देश भर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है | भारत दुनिया में सबसे अधिक कोरोना के टिका लगाने वाला देश बन चूका है | भारत में अभी तक 17 करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं | 

आपको और हमको सोशल मीडिया पर आने वाले भ्रामक ख़बरों से बचने की जरूरत है | सोशल मीडिया पर लगातार कोई न कोई भ्रामक खबर चलती रहती है | आजकल आपने भी देखा होगा कि सोशल मीडिया पर लगातार बताया जा रहा है कि 5G टेक्नोलॉजी के कारण कोरोना की दूसरी लहर आई है | भारत सरकार ने स्पष्ट किया है यह बुल्कुल ही बेबुनियाद है | इस बात का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है | साथ में भारत में अभी तो 5G टेक्नोलॉजी शुरू भी नहीं हुई है | 

कोरोना की जब दूसरी लहर आई तो तेजी से ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाई तथा स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों एवं अन्य चीजों की मांग बढ़ने लगी थी | अचानक देश में इतने व्यापक स्तर पर इनका उत्पादन नहीं किया जा सकता था | ऐसे में भारत की कुशल कूटनीति काम आई और पूरी दुनिया ने भारत की इस संकट के समय मदद भी की | सरकारी आंकड़ो के अनुसार अभी तक 8 हजार 9 सौ ऑक्सीजन कंसट्रेटर, 5 हजार 43 ऑक्सीजन सिलेंडर, 18 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 5 हजार 698 वेंटिलेटर और लगभग 3 लाख 40 हजार रेमडेसीवीर वायल्स की आपूर्ति विभिन्न राज्यों को की गई है | इतनी बड़ी मात्र में भारत को यह सब इसलिए मिल पाया क्योंकि समय रहते हुए भारत ने भी विदेशों की सहायता की थी | भारत की कुशल कुटनीतिक रिश्ते ऐसे संकट के समय में काम आये हैं | 

संकट के इस समय में रेल मंत्रालय ने लोगों के जीवन बचाने के लिए अहम भूमिका निभाई है | जिस तेज गति से रेल द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति राज्यों को की गई वह बेहद ही प्रशंसनीय है | रेलवे द्वारा अब तक विभिन्न राज्यों को 295 से अधिक टेंकरों के माध्यम से लगभग 4 हजार 7 सौ मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है | इस आपूर्ति से देश में बढ़ रही ऑक्सीजन की मांग में कमी आई है और राज्यों में बढ़ते मौत के आंकड़ों पर लगाम लगी है | पिछले दिनों देश ने देखा था कि किस प्रकार से देश के लगभग सभी अस्पतालों के अन्दर अचानक ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था और लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी | 

डॉ. कन्हैया झा 

Dr. Kanhaiya Jha

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