एक और लॉक डाउन बर्बाद कर देगा अर्तव्यवस्था को

लॉकडाउन के बाद कारोबार शुरू हो चुका है| लॉकडाउन के दौरान कंपनियों का काम लगभग स्वाहा सा हो गया है| चुनिन्दा क्षेत्रों को छोड़कर ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं जिसमें कंपनियों को घाटा न लगा हो| 2 महीने के सम्पूर्ण लॉकडाउन के बाद जून में थोडा बहुत काम होना शुरू हुआ था. उसमें भी बहुत से क्षेत्र ऐसे थे जहाँ पर काम करने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. कहीं पर कर्मचारी समय पर नहीं पहुँच पा रहे थे तो कहीं पर आने जाने में दिक्कत और परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
     कंपनियों के तिमाही का विश्लेषण करने पर स्थिति स्पष्ट हो रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कितनी समस्याएं आई हैं. सभी उद्योग धंधें घाटे में चल रहे हैं. आईटी कंपनी भी घाटे में चल रही है. यह वह सेक्टर है जहाँ पर सबसे अधिक वर्क फॉर होम संभव होता है. पिछली तिमाही में टीसीएस को 13.81 प्रतिशत का घाटा लगा.
अब धीरे-धीरे देश में काम शुरू हो गया है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा सकती है.
     अब देश और लॉकडाउन नहीं सह सकता है. यदि इस प्रकार बार बार लॉकडाउन हुआ तो देश की अर्थव्यवस्था जमीन पर आ जाएगी. सरकार को व्यापर जगत के प्रतिनिधियों से बात करके इसका स्थाई समाधान निकलना चाहिए. लोगों के पास पैसा नहीं बच रहा है. लोग सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट, म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा नहीं दाल रहे है. जाहिर है कि जनता के पास पैसे नहीं है तो कैसे इन क्षेत्रों में निवेश करेंगे

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